हिमाचल की पहली फूल मंडी बंद, अब सेब के कारोबार की तैयारी

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प्रदेश की पहली फूल मंडी में कारोबार के लिए आढ़तियों की ओर से मना करने के बाद अब इसे बंद कर दिया है। इस साल अभी तक यहां कोई फूल नहीं बिका है। मंडी के 10 आढ़तियों ने भी दुकानों की चाबियां मंडी समिति को सौंप दी हैं।

हिमाचल प्रदेश की पहली फूल मंडी में कारोबार के लिए आढ़तियों की ओर से मना करने के बाद अब इसे बंद कर दिया है। इस साल अभी तक यहां कोई फूल नहीं बिका है। मंडी के 10 आढ़तियों ने भी दुकानों की चाबियां मंडी समिति को सौंप दी हैं। वहीं अब फूल मंडी को साथ लगती सेब मंडी के साथ मर्ज किया जा रहा है। जिसके निर्देश कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने दिए हैं। अब मंडी समिति ने 10 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। कोविड काल से फूल मंडी परवाणू के बंद होने की चर्चाएं शुरू हो गई थी। मंडी से अभी न तो फूल उत्पादकों को कोई लाभ मिला है, न कारोबारी और आढ़ती कुछ कमाई कर पाए हैं।

इसके बाद आढ़तियों ने यहां कारोबार न करने का निर्णय लिया था। हालांकि मंडी समिति ने आढ़तियों को दुकानें खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन आढ़तियों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने दुकानें खाली कर चाबियां मंडी समिति को थमा दी। आढ़तियों का कहना था कि फूल मंडी में बाहरी राज्यों से कारोबारी यहां फूल खरीदने के लिए नहीं आ रहे हैं। वहीं मंडी में भी फूल को स्टोर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण खरीदा गया फूल भी खराब हो जाता है। कुल्लू, सिरमौर, शिमला समेत जिला सोलन के डांगरी, घट्टी, कंडाघाट, देवठी, धर्मपुर, भोजनगर और चायल क्षेत्र में फूल की पैदावार तैयार है। यहां के उत्पादक अपने फूल चंडीगढ़ और दिल्ली भेजने को मजबूर हो रहे हैं।
मंडी समिति सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि फूल मंडी की दस दुकानों को सेब मंडी परवाणू के साथ जोड़ा जा रहा है। जिसके आदेश कृषि मंत्री ने भी दे दिए हैं। अब दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही दुकानों का आवंटन कर यहां पर इस सीजन से सेब कारोबार भी शुरू हो जाएगा।

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